
This is Why I Don't Use BRAVE Browser
प्यारे दोस्तों,
कई बार अंधविश्वास एवं अज्ञान से भरे वक्तव्य पर मुझे हंसी आ जाती है। मेरे एक करीबी मित्र हैं जो पेशेवर पत्रकार हैं। लेकिन श्रद्धा एवं अंधविश्वास के विषय पर वह किसी अशिक्षित व्यक्ति से कम नहीं है।
कुछ वर्ष पूर्व, वे मुझे अपने आध्यात्मिक गुरु की समाधि पर ले गए। उनके बड़े ही प्रेरणादायक जीवन का विवरण देते हुए बताया कि उनका आशीर्वाद आज भी उन पर उतना ही बरकरार है जितना उनके जीवनकाल में था। किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए वे आज भी उन्हें याद करते हैं और उनके आशीर्वाद से अनेक महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध होते हैं।
लेकिन मेरे होठों पर मंद-मंद मुस्कान को देख वे समझ गए कि मैं उनकी इस बात से सहमत नहीं हूं, लेकिन वे इस रहस्यमई केसर वर्षा के पीछे का और कोई कारण नहीं जानते थे। हालांकि मैंने अपना इस विषय पर स्पष्ट विरोध प्रकट कर दिया।
मजा तो मुझे तब आया जब कुछ ही दिन पहले एक इसरो के वैज्ञानिक को मिलने के लिए उन्होंने हम कुछ मित्रों को उसी समाधि स्थल पर बुलाया और दर्शन के उपरांत उन्हें भी इसी चमत्कार का वर्णन किया। वे, अवकाश-प्राप्त इसरो के वैज्ञानिक भी उनके इस तर्क से सहमत नजर आए। यह देखकर मैं बड़ा आश्चर्य चकित हुआ।
दरअसल यदि हम तथ्यात्मक बात करें तो यह पीली बरसात मधुमक्खियों द्वारा निष्कासित मल होती है। अनेक प्रकार के फूलों से प्राप्त पोलन को पचाने के बाद वे सामूहिक रूप से उड़ते हुए इस प्रकार मल विसर्जन करती है तो यह बरसात की बूंदों के रूप में हमें नजर आती है।
लेकिन अनेक लोगों के लिए यह तथ्य लम्बे समय से एक रहस्य का विषय रहा है। वियतनाम युद्ध के उपरांत अमेरिका ने तो इसे रूसी षड्यंत्र करार दिया था और उसे रासायनिक बम वर्षा का जिम्मेदार ठहराया था। अनेक अध्ययनों से ये बात स्पष्ट हो चुकी है कि यह कोई रासायनिक वर्षा न होकर मात्र मधुमक्खियों द्वारा विसर्जित मल मूत्र ही है। इसके बावजूद अमेरिका ने आज तक अपने वक्तव्य को नहीं बदला है। पूर्व में सोवियत संघ पर और अब वह रूस पर इस प्रकार के षडयंत्र का आरोप लगाता रहता है।
लेकिन रसायनिक बम के अमरीकी वक्तव्य की अपेक्षा मुझे मेरे मित्र का केसर वर्षा वाला वक्तव्य कई गुना बेहतर लगता है। कम से कम इस कारण हम किसी की टट्टी को भी श्रद्धा और आदर भाव से तो देखते हैं। और जिस भाव एवं श्रद्धा से वे इसे बयां करते हैं, वह न चाहते हुए भी सुनने वाले को इस मधुमक्खी की टट्टी के प्रति नत मस्तक कर देता है।
क्या आपका भी ऐसा कोई अनोखा अंधविश्वास से जुड़ा कोई अनुभव है? यदि हां तो अवश्य साझा करें, मैं जानने को लालायित हूं।